उत्तराखंड

ज्वाइनिंग के 5वें दिन ही DM ने बदल दी नगर निगम की 21 साल पुरानी कार्य प्रणाली, चर्चा में जिलाधिकारी

ज्वाइनिंग के 5वें दिन ही DM ने बदल दी नगर निगम की 21 साल पुरानी कार्य प्रणाली, चर्चा में जिलाधिकारी

 

देहरादूनः राजधानी देहरादून के नवनियुक्त जिलाधिकारी सविन बंसल ने नगर निगम देहरादून में सालों से चली आ रही कार्य प्रणाली को कार्यभार ग्रहण करने के पांचवें दिन ही बदल दिया है. देहरादून डीएम ने नगर निगम प्रशासक के रूप में नगर निगम की सफाई कार्यों की समीक्षा के दौरान कमजोर कड़ी पकड़ी. डीएम ने तुरंत फैसला लेते हुए मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी से कई कार्य हटाते हुए उप नगर आयुक्त को कार्य सौंप दिए हैं.

 

मंगलवार को जिलाधिकारी सविन बंसल ने नगर निगम की सफाई कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी से नगर निगम के सफाई कार्यों, मॉनिटिरिंग, कूड़ा उठान, कूड़ा वाहन संचालन, फॉगिंग, कार्य सत्यापन संबंधि कार्य हटाते हुए उनके पद के मूल कार्य सौंपे. इस फैसले के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी अपने पद के मूल कार्य स्वास्थ्य विभाग से समन्वय, शहरी क्षेत्र में डेंगू-मलेरिया रोकथाम, सर्विलांस, स्वास्थ्य जोखिम आकलन आदि कार्य करेंगे.सफाई व्यवस्था और मॉनिटरिंग, कूड़ा उठान, कूड़ा वाहन संचालन, फॉगिंग, सत्यापन कार्य अब उप नगर आयुक्त द्वारा किया जाएगा. जिसके लिए डीएम की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक ये व्यवस्था पिछले काफी सालों से चली आ रही थी.

 

डीएम ने बदली कार्य प्रणाली: दरअसल, जिलाधिकारी सविन बंसल ने नगर निगम के सफाई कार्यों की खुद मॉनिटिरिंग कर रहे हैं. कूड़ा उठान कार्यों और मॉनिटरिंग में लचर व्यवस्था पाए जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी. डीएम के मुताबिक, यह सभी कार्य उप नगर आयुक्त का है. जबकि जिले में कई सालों से यह कार्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी अपने पद के अन्य कार्यों के साथ कर रहे थे. जिसको जिलाधिकारी ने अब बदल दिया है.

 

कड़ी कार्रवाई की दी चेतावनी: जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे ही दिन 6 सितंबर को देर शाम नगर निगम पहुंचकर सफाई व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों को तलब किया था और कूड़ा निस्तारण कार्यों की भी समीक्षा करते हुए अनुबंधित कंपनियों को कार्य प्रवृत्ति में सुधार लाने के लिए 45 दिन की मोहलत दी है. जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि कार्यों में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

 

21 साल से चल रही थी कार्य प्रणाली: गौर है कि 1998 में देहरादून को नगर निगम का दर्जा यूपी सरकार ने दिया था. लेकिन 2000 में उत्तराखंड अलग राज्य का गठन होने के बाद नगर निगम का दर्जा खत्म हो गया था. इसके बाद साल 2003 में उत्तराखंड की पहली नवनिर्वाचित सरकार ने देहरादून को नगर निगम का दर्जा दिया था. तभी से नगर निगम में मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी इन कार्यों को देख रहा था.

धनंजय ढौडियाल (पहाड़ी)

संपादक, संपर्क - 7351010542

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