समाज में नेत्रदान के लिए जागरुकता की आवश्यकता दून मेडिकल कालेज में नेत्रदान पखवाड़े की शुरुआत
समाज में नेत्रदान के लिए जागरुकता की आवश्यकता दून मेडिकल कालेज में नेत्रदान पखवाड़े की शुरुआत
देहरादून: दून मेडिकल कालेज में सोमवार को नेत्रदान पखवाड़े की शुरुआत हुई। पहले दिन हस्ताक्षर अभियान आयोजित किया गया। इसके अलावा एक सेल्फी प्वाइंट भी मेडिकल कालेज में बनाया गया है। जिसकी शुरुआत प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने की। उन्होंने सभी को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नेत्रदान, महादान है। मृत्यु के बाद नेत्रदान करने वाला एक व्यक्ति चार लोगों को रोशनी दे सकता है। नई तकनीक में अब एक आंख से दो कार्निया प्रत्यारोपित की जा रही हैं। नेत्र रोग के विभागाध्यक्ष डा. यूसुफ रिजवी ने कहा कि नेशनल प्रोग्राम फार कंट्रोल आफ ब्लाइंडनेस एंड विजुअल इम्पेयरमेंट
(एनपीसीबीवीआइ) के अनुसार, लगभग 10 लाख लोग कार्नियल ब्लाइंडनेस से पीडि़त हैं और कार्नियल ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि लोगों के बीच अभी भी इसकी जागरूकता बढ़ाने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। एसोसिएट प्रोफेसर डा. सुशील ओझा ने बताया कि नेत्रदान के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को नेत्रदान के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दौरान डा. नीरज सारस्वत, डा. दुष्यंत उपाध्याय, डा. हिमानी पाल, डा. गौरव कुमार आदि उपस्थित रहे।