उत्तराखंड

उत्तराखंड में पुलिस ग्रेड पे पर बोले सीएम धामी, सरकार ने स्वयं की पहल, सीएम आवास के मिथक पर कही ये बड़ी बात

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूजा-पाठ के बाद सरकारी आवास में शिफ्ट हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में ग्रेड के मसले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सीएम बनने के बाद बिना किसी के कहे ग्रेड पे को लेकर कदम उठाया गया। शपथ ग्रहण के दो घंटे के भीतर पहली कैबिनेट बैठक हुई और इस मसले पर मंत्रिमंडल की उप समिति गठित कर दी गई। समिति अपना काम कर रही है और जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगी। हम स्वयं रास्ता निकालने के लिए आगे आए हैं। पुलिस के जवान हमारे भाई हैं और उन्हें हमारी भावनाओं को समझना चाहिए। आपको बता दें कि बीते रोज पुलिस कर्मियों के परिवार ने ग्रेड पे की मांग को लेकर गांधी पार्क में धरना दिया था।

भूतकाल की चिंता नहीं, वर्तमान में जीता हूं :- सीएम
मुख्यमंत्री आवास से जुड़े मिथक और गृह प्रवेश पर सीएम धामी ने कहा कि मैं हमेशा कर्म में विश्वास रखता हूं और वर्तमान में जीता हूं। मैने न भूतकाल की चिंता की और न प्रायश्चित। भविष्य में क्या होगा उसकी चिंता क्यों की जाए। इतने संसाधन उसमें लगे हैं तो राज्य का जो भी मुखिया हो उसे वहीं रहना चाहिए। आपको बता दें कि सीएम आवास को लेकर कई मिथक रहे हैं। धारणा यह है कि जो भी मुख्यमंत्री यहां रहा वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया।

यह चर्चाएं तब शुरु हुई जब पूर्व सीएम निशंक और बाद में विजय बहुगुणा को उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले हटा दिया गया था। पूर्व सीएम हरीश रावत भी इसी वजह से सरकारी आवास में शिफ्ट नहीं हुए और स्टेट गेस्ट हाउस में रहना पसंद किया। हालांकि, 2017 में त्रिवेंद्र सिंह रावत शहर के बीचोंबीच 10 एकड़ में फैले इस बंगले में शिफ्ट हुए। बाद में उन्हें भी सीएम पद से हटा दिया गया। दिलचस्प बात यह है कि पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत यहां नहीं रहे, पर सीएम पद उन्हें तब भी छोड़ना पड़ा।

पहाड़ी शैली में डिज़ाइन किया गया, 60 कमरों वाला यह विशाल बंगला 2010 में बनाया गया था। इसमें एक बैडमिंटन कोर्ट, स्विमिंग पूल, लॉन और सीएम और उनके स्टाफ सदस्यों के लिए अलग-अलग कार्यालय हैं

जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश
बारिश को लेकर जारी रेड अलर्ट पर सीएम ने कहा कि आपदा को लेकर सभी जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।

धनंजय ढौडियाल (पहाड़ी)

संपादक, संपर्क - 7351010542

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